Please wait

डिफेन्स पार्लियामेंट कमेटी ने सरकार से पूछा- लड़ाकू जेट्स की खरीद में देरी क्यों

संसदीय पैनल ने नौसेना के लिए तीसरे विमान वाहक के बारे में भी फैसला लेने को कहा

23 Mar 2023

डिफेन्स पार्लियामेंट कमेटी ने सरकार से पूछा- लड़ाकू जेट्स की खरीद में देरी क्यों

नई दिल्ली। रक्षा संसदीय समिति ने सरकार को भारतीय वायु सेना के लिए बगैर देरी किये पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार करने की सलाह दी है। समिति का मानना है कि वायु सेना को भविष्य में होने वाले संभावित संघर्षों के लिए अगली पीढ़ी के टेक-रेडी कॉम्बैट जेट की जरूरत है, इसलिए सरकार को अतिरिक्त लड़ाकू जेट्स की खरीद में देरी नहीं करनी चाहिए। सदन में पेश रिपोर्ट में समिति ने सरकार से पूछा है कि वायु सेना के लिए फाइटर जेट्स खरीदने में देरी क्यों की जा रही है।

सदीय पैनल ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से नौसेना के लिए तीसरे विमान वाहक के बारे में भी अंतिम निर्णय लेने के लिए कहा है, जो अंततः भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाएगा। तीसरे विमान वाहक के लिए नौसेना ने कई बार सरकार के सामने प्रस्ताव रखा है। इसलिए समिति ने सिफारिश की है कि रक्षा मंत्रालय इस बारे में अंतिम निर्णय लेकर योजना प्रक्रिया शुरू कर सकता है। समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 40 एलसीए तेजस जेट्स की आपूर्ति में 'काफी देरी' होने का भी उल्लेख किया है।

वायु सेना ने 20 बिलियन डॉलर की लागत से मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) कार्यक्रम के तहत 114 फाइटर विमान खरीदने की योजना बनाई है। इसके अलावा एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के साथ एचएएल एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रहा है। इसी तरह तेजस मार्क 1ए के बाद तेजस एमके-2 भी महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो एचएएल के तेजस फाइटर एयरक्राफ्ट डिजाइन से बाहर विकसित हो रही है। समिति ने सवाल उठाया है कि इतने सारे कार्यक्रम भारत की विनिर्माण प्रौद्योगिकी में छलांग लगा रहे हैं, तो भविष्य के संघर्षों के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट की आवश्यकता पर ध्यान क्यों नहीं है।

वायु सेना ने अपनी लड़ाकू संपत्तियों को मोटे तौर पर 42 स्क्वाड्रन में परिभाषित किया है, जबकि मौजूदा समय में उसके पास सिर्फ 30 स्क्वाड्रन हैं। वायु सेना 2025 तक मिग-21 की 4 स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से खत्म कर रही है, जिससे स्क्वाड्रन की ताकत धीरे-धीरे कम होती जा रही है। इसके अलावा अधिकांश मौजूदा स्क्वाड्रन का तकनीकी जीवन समाप्त हो रहा है, जिससे वायु सेना की लड़ाकू क्षमता पर असर पड़ने की संभावना है। कमेटी के अनुसार पुराने फाइटर जेट्स को चरणबद्ध तरीके से हटाने पर लगभग 30 स्क्वाड्रनों की वर्तमान ताकत और कम हो जाएगी।

Ad Image
Comments

No comments to show. Log in to add some!

Other Relevant Stories







Download The Taaza Tv App Now to Stay Updated on the Latest News!


play store download
app store download
app img


Breaking News